प्रशिक्षणार्थियो की शुल्क संरचना :

Table A :

क्रम. सं. 

शुल्क संरचना

दर (₹ में)

दर (₹ में)

क्रम. सं.

शुल्क संरचना

दर (₹ में)

दर (₹ में)

Gen/OBC

SC/ST

प्रतिलिपि प्रमाणपत्र के लिए

प्रमाणपत्र सुधार के लिए

1.

निबंधन शुल्क

1500/-

750/-

5.

अंकपत्र शुल्क

200/-

200/-

2.

माइग्रेशन प्रमाणपत्र शुल्क

400/-

400/-

6.

उत्तीर्णता प्रमाणपत्र शुल्क

500/-

500/-

3.

प्रमाणपत्र सत्यापन शुल्क

500/-

500/-

7.

निबंधन प्रमाणपत्र शुल्क

1000/-

1000/-

4

रिटोटलिंग शुल्क

500/-

500/-

नोट : प्रत्येक पाँच वर्ष बाद Registration (निबंधन) का नवीकरण किया जाएगा – नवीकरण शुल्क – ₹ 500/-

Table B :

Sl.No

Fee Details

Amount 1st Year (Rs.)

Amount 1st Year (Rs.)

Amount 2nd Year (Rs.)

Amount 2nd Year (Rs.)

  

Gen/OBC

SC/SC

Gen/OBC

SC/SC

1.

Admission Fee

100

100

——–

——–

2.

Tuition Fee Per Year

600

600

600

600

3.

Science Fee Per Year

360

360

360

360

4.

Caution Money (One Time )

1500

1500

——-

——–

5.

Games & Sports Per Year

500

500

500

500

6.

Development Fee Per Year

2000

1000

2000

1000

 

TOTAL

5060

4060

3460

2460

उपरोक्त शुल्क का निर्धारण वर्ष 2006 में सरकार द्वारा किया गया था । वर्तमान में यह राशि पर्याप्त नहीं है , अतः इसमें क्रमशः Tution fee को रू 600 / – से 3600 / – ( रू 300 / – प्रति माह ) एवं Science fee को रू 360 / – से 1200 / – ( रु . 100 / – प्रति माह ) की बढ़ोतरी कर प्रस्ताव सरकार के पास अनुशंसा हेतु भेजी जायेगी ।

इस राशि के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी संबंधित चिकित्सा महाविद्यालयों संस्थान के प्रचार्य / निदेशक होंगे एवं इस राशि का लेखा संधारण पृथक रूप से किया जायेगा गैर सरकारी संस्थानों के मुक्त सीट ( 20 % ) पर नामांकित छात्रों से उपरोक्त प्रस्तावित शुल्क लेने की बाध्यता होगी । 80 % प्रबंधन सीट पर नामांकन हेतु गैर सरकारी संस्थान अपना शुल्क उपरोक्त निर्धारित प्रस्तावित शुल्क से अधिकतम 5x ( पाँच गुणा ) तक कोटिवार रूप से ले सकेंगे ।

मुक्त सीट ( 20 % ) के अंतर्गत बचे हुये शेष सीट पर नामांकन प्रबंधन सीट के शुल्क के अनुसार लिया जा सकेगा । गैर सरकारी संस्थानों को अपनी फीस के विवरणी की घोषणा जे ० एस ० पी ० सी ० , रांची एवं जे 0 सी 0 ई 0 सी 0 ई 0 बोर्ड , राँची को काउंसिलिंग के पूर्व करना होगा , एवं इसमें पूर्ण पारदर्शिता रखनी होगी । किसी भी परिस्थिति में कैपिटेशन शुल्क की अनुमति नहीं दी जाएगी । पाँच वर्षों के पश्चात सरकारी,पारामेडिकल संस्थानों में सरकार अथवा परिषद द्वारा शुल्क वृद्धि हेतु विचार किया जायेगा ।